दुरूदे पाक की फ़ज़ीलत: नूर, बरकत और दिल का सुकून

दुरूदे पाक की फ़ज़ीलत: नूर, बरकत और दिल का सुकून

दुरूदे पाक की फ़ज़ीलत, इसके उर्दू रूप और हिंदी अर्थ, बरकतें, फ़ायदे और आसान तरीक़े—सब एक स्टाइलिश फॉर्मेट में।

December 8, 2025
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💚 दुरूदे पाक की फ़ज़ीलत — नूरानी बरकतों का दरवाज़ा

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुह़ 🌿✨

दुरूदे पाक एक ऐसी इबादत है जो दिल को साफ़ करती है, रूह को ताज़ा करती है और इंसान को रहमतों के करीब ले जाती है। जब दो मुसलमान अल्लाह के लिए मिलते हैं, हाथ मिलाते हैं और नबी ﷺ पर दुरूद भेजते हैं—तो अलग होने से पहले उनके पिछले और अगले गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं।

📗 मुसनद अबी याला 95/3 (हदीस 2954)


🌟 दुरूदे पाक (Urdu) + हिंदी Meaning (एक लाइन)

💠 Urdu Durood💛 Hindi Meaning
صَلَّى اللَّهُ عَلَى مُحَمَّدٍअल्लाह की रहमत हो हज़रत मुहम्मद ﷺ पर
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍऐ अल्लाह! मुहम्मद ﷺ और उनके घराने पर रहमत नाज़िल कर
صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَउन पर सलाम और बरकतें हों
اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُولَ اللّٰهِआप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के रसूल ﷺ

✨ ये दुरूद रोज़मर्रा में पढ़ने के लिये बेहतरीन हैं।


💎 दुरूद की फ़ज़ीलत — कलर टेबल में

🌿 फ़ज़ीलत✨ असर / फायदा
गुनाहों की माफीमिलने और दुरूद पढ़ने पर गुनाह माफ़ 💚
दुआ की कबूलियतदुआ दुरूद के साथ जल्दी उठती है 🤲
रोज़ी में बरकतदिल की नरमी → फैसलों में आसानी → बरकत 🌾
दिल का सुकूनबेचैनी कम, रूह में ताज़गी 🌙
शफ़ाअत की उम्मीदनबी ﷺ की करीबियत की आशा 🌸

🕊️ दुरूद को आदत कैसे बनाएं? आसान तरीके

🌼 सुबह की शुरुआत — फज्र के बाद 11 बार पढ़ें 🌼 दुआ से पहले व बाद — दुआ की कबूलियत बढ़ती है 🌼 काम करते वक़्त — मोबाइल में काउंटर रखें 🌼 मुलाक़ात में — हाथ मिलाने के बाद दुरूद पढ़ें

✨ छोटा अमल, बड़ा असर! ✨


📘 Mini Case Study — Rabia Khatoon (Durg, Chhattisgarh)

राबिया ख़ातून, उम्र 47 — सिर्फ़ 11 बार रोज़ाना दुरूद पढ़ने लगीं। 12 दिनों में उन्होंने महसूस किया:

✔️ anxiety और बेचैनी कम हुई ✔️ नींद में सुधार ✔️ घर के माहौल में नर्मी ✔️ काम आसान होने लगे ✔️ दिल में हल्कापन और सुकून

उन्होंने कहा:

“दुरूद ने दिल का बोझ हल्का कर दिया… ऐसा लगा रूह में नूर भर गया।”


🌺 दुरूद पढ़ने का अदब (Etiquettes)

✔️ नीयत साफ़ और खालिस रखें ✔️ नरम और अदब वाली आवाज़ में पढ़ें ✔️ मोहब्बत दिल से हो, सिर्फ़ ज़ुबान से नहीं ✔️ दिखावा बिल्कुल नहीं ✔️ नबी ﷺ का नाम उच्च सम्मान से लें


❓ FAQ — आम सवालों के जवाब

1) क्या दुरूद अरबी में पढ़ना ज़रूरी है?

अरबी बेहतर है, मगर आपकी भाषा में मोहब्बत का इज़हार भी क़बूल है।

2) क्या दुरूद से रोज़ी में बरकत आती है?

हाँ—दिल साफ़ होता है, फैसलों में आसानी आती है और बरकत महसूस होती है।

3) कितनी बार पढ़ना चाहिए?

कोई सीमा नहीं। 3 से शुरू करें → 11 → 100 जितना दिल चाहे।

4) क्या सच में गुनाह माफ़ होते हैं?

हाँ—हदीस में साफ़ वादा है कि मिलने और दुरूद पढ़ने पर गुनाह माफ़ होते हैं।


🌙 नतीजा — दुरूद: रूह की दवा, दिल का सुकून

दुरूदे पाक छोटा अमल है मगर असर बड़ा—दिल को ताज़गी, रूह में नूर और ज़िंदगी में बरकत भर देता है।

आज ही शुरुआत करें — 3 बार सही, मगर दिल से पढ़ें। 💚 صَلَّى اللَّهُ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ 💚

About the Author

Md Altaf Husain Razvi

Islamic Content Creator & Scholar

“I specialize in Islamic teachings, Quranic reflection, and contemporary Islamic issues, with a focus on authentic and meaningful content.”

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